भारतीय रिजर्व बैंक ने मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में 0.50% की कटौती की है. ये लगातार तीसरी बार है जब रेपो रेट में कमी की गई है. अब ये दर घटकर 5.5% पर आ गई है. जिसके बाद से आज स्टॉकिस्टों की ओर से की दी गई जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमत 3,000 रुपए बढ़कर 1,07,100 रुपए प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई.
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, स्थानीय बाजारों में गुरुवार को चांदी की कीमत 2,000 रुपए उछलकर 1,04,100 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. आज घरेलू बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 99,750 रुपए रही. वहीं 22 कैरेट सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 91,450 रुपए रही.
घरेलू मांग में तेजी
व्यापारियों ने कहा कि घरेलू मांग में बढ़ोतरी के साथ-साथ वैश्विक प्रभावों के कारण चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई. जुलाई में सबसे अधिक कारोबार वाली चांदी 1,622 रुपए बढ़कर 1,06,065 रुपए प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई. इसके अलावा, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सितंबर डिलीवरी का कॉन्ट्रैक्ट 1,650 रुपए चढ़कर 1,07,130 रुपए प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर पर पहुंच गया.
वैश्विक बाजारों में चांदी का भाव
एमसीएक्स पर अगस्त डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट 44 रुपए गिरकर 97,830 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गए. विदेशी बाजारों में सोना 0.22 प्रतिशत बढ़कर 3,360.05 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला के अनुसार, सोने में मजबूती का रुख है क्योंकि निवेशक आज जारी होने वाले अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल्स (NFP) आंकड़ों से पहले सतर्क बने हुए हैं. वैश्विक बाजारों में चांदी 1.63 प्रतिशत बढ़कर 36.23 डॉलर प्रति औंस हो गई. ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्योरिटीज ने कहा कि आपूर्ति-मांग के बुनियादी सिद्धांतों में सुधार और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच चांदी 13 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई.
2.5 लाख तक का गोल्ड लोन होगा सस्ता
सरकार ने छोटे कर्ज लेने वालों को राहत देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. हाल ही में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अब सोने के बदले लिए जाने वाले लोन के नियमों में बदलाव किया गया है. नए प्रावधानों के तहत 2.5 लाख रुपए तक के गोल्ड लोन पर अधिक लाभ मिलेगा. इस सीमा तक का लोन लेने वालों को उनके गिरवी रखे गए सोने की कुल कीमत का अधिकतम 85% तक राशि लोन के रूप में मिल सकेगी. खास बात यह है कि इस 85% में ब्याज राशि भी शामिल होगी, जिससे कर्जदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा.